रविवार, 4 दिसंबर 2011

मरने के पहले ही महिला ने किया कुछ ऐसा कि वह ‘अमर’ हो गई!



जगदलपुर। मेडिकल छात्रों की शिक्षा के लिए देह दान करने वाले लोग विरले ही मिलते हैं, लेकिन जिले के फरसागुड़ा निवासी एक ६५ वर्षीय महिला ने अपने मृत शरीर को मानव जीवन की सेवा लिए दे दिया।
मूलत: रायपुर पेंशन बाड़ा निवासी सुचेता ठाकुर वर्तमान में फरसागुड़ा में रह रही थी। दो दिन पूर्व अचानक उनकी तबीयत खराब हुई और उन्हें मेकाज में भर्ती करवाया गया।
यहां इलाज के दौरान उन्होंने बुधवार की सुबह दम तोड़ दिया, लेकिन वो मरने के बाद भी मानव सेवा की मिसाल छोड़ गई। उन्होंने अपना मृत शरीर वर्षो पूर्व ही मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के लिए दान कर दिया था। इनके दामाद मनीष झा ने चर्चा में बताया कि उनकी सास ने वर्षो पूर्व ही अपने शरीर को दान करने का फैसला कर लिया था। उनकी इच्छा के अनुरूप ही मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के प्रबंधन को उनका शव सौंप दिया गया है। सुचेता एफसीआई के पूर्व प्रबंधक केके ठाकुर की धर्मपत्नी है।
वर्षो तक आएगा काम -
सुचेता ठाकुर का देह शरीर वर्षो तक मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के काम आएगा। सिविल सर्जन डॉ. विवेक जोशी ने बताया कि देह दान के शुरूआती १ वर्ष तक छात्र इनके देह से शरीर रचना का ज्ञान लेंगे। इसके अलावा शरीर के एक-एक नसों व अंगों का विच्छेदन कर ज्ञान प्राप्त करेंगे और आगामी कई वर्षो तक हड्डियों की जानकारी भी छात्र ले पाएंगे। मेकाज में छात्रों की पढ़ाई के लिए अब दो शव उपलब्ध हैं।

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