विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक बार फिर आड़े हाथों लेते हुए आज कहा कि बोर्ड देश से बड़ा नहीं है और उसे प्रस्तावित खेल विधेयक के दायरे में आना चाहिए। कपिल ने यहाँ कहा कि सरकार से बड़ा कोई नहीं है चाहे वह क्रिकेट बोर्ड ही क्यों न हो। किसी के निजी हित देश से उपर नहीं हो सकते। बीसीसीआई को अपना संकीर्ण दृष्टिकोण बदलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब किसी को दर्द होता है तो उसे डाक्टर की जरूरत पड़ती है वैसे ही खेलके प्रशासन खिलाडिय़ों की जरूरत होती है। यह देख कर अजीब लगता है कि खिलाडिय़ों को ही खेल प्रशासन में आने से रोका जा रहा है। कपिल ने कहा हमें पहला ऐसा खेल मंत्री मिला है जो खिलाडिय़ों की भलाई की बात कर रहा है लेकिन ऐसे लोग भी हैं जो तीस चालीसवर्षों से एक पद पर जमे बैठे हैं और खेल मंत्री की पहल का विरोध कररहे हैं। उन्होंने साथ ही कहा क्रिकेट बोर्ड देश के अन्य खेल महासंघों सेअलग नहीं है और इस खेल विधेयक को अजय माकन बनामबीसीसीआई के नजरिए से भी नहीं देखा जाना चाहिए। देश के ६६ खेल महासंघों की तरह बीसीसीआई भी एक खेल महासंघ है और वहआरटीआई के दायरे से अलग नहीं रह सकता।
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