नई दिल्ली। २जी स्पेक्ट्रम घोटाले से संबंधित ४०० पन्नों की पांच फाइलें सीबीआई ने सुब्रमंण्यम स्वामी को सौंप दी। इन फाइलों में मौजूद दस्तावेजों को लेकर संदेह बरकरार है। जहां सीबीआई आधिकारिक रूप से इन फाइलों में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम और संचार मंत्री ए.राजा के बीच का एक भी पत्र नहीं होने का दावा कर रही है, वहीं स्वामी इन दोनों के बीच हुए पत्राचार के सुबूत मिलने पर खुशी जता रहे हैं।
घोटाले की जांच से जुड़े सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्वामी को जो पांच फाइलें सौंपी गई हैं, उनमें एक फाइल वित्त मंत्रालय और संचार मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुए पत्राचार से संबंधित है। अधिकारी के मुताबिक इसमें राजा और चिदंबरम के बीच का एक भी पत्र नहीं है। वहीं फाइल हासिल करने के बाद सीबीआइ मुख्यालय से निकलते हुए सुब्रमंण्यम स्वामी ने दावा किया कि इन फाइलों में राजा और चिदंबरम के बीच हुए पत्राचार भी शामिल हैं।
इसके अलावा सीबीआई ने जो फाइलें स्वामी को दी हैं, उनमें स्पेक्ट्रम पाने वाली कंपनियों की होल्डिंग में एक खास समय तक फेरबदल पर रोक लगाने के मुद्दे पर वित्त, संचार और कॉरपोरेट मंत्रालय के बीच हुए पत्राचार शामिल हैं। इस मुद्दे पर मंत्रालयों के बीच एक राय नहीं बन पाने के कारण लाइसेंस मिलते ही स्वान टेलीकॉम और यूनिटेक ने विदेशी कंपनियों को हिस्सेदारी बेचकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया था। सूत्रों के अनुसार स्वामी को दिए गए ४०० पेज में ३५ पेज की फाइल नोटिंग भी शामिल हैं। स्वामी २जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पी चिदंबरम को आरोपी बनाने की मांग कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने पटियाला हाउस अदालत में अपील भी की है, जिस पर आगामी तीन दिसंबर को सुनवाई होगी। पिछले हफ्ते इसी अदालत ने सीबीआइ को संबंधित फाइलें स्वामी को सौंपने का निर्देश दिया था।
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