मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

अमर तिरंगे के रंगो को


अमर तिरंगे के रंगो को
भारत माँ के गालों पर
जो ऊग्रवाद के चाँटे है
फिर भी कायर बन के
वोटो के तलुवे चाटे है !
एटम बम वाली दिल्ली लाचार
दिखाई देती है
संसद भेंड़, बकरियो की
बाजार दिखाई देती है !
भगत सिंह की फाँसी पर जो
दो भी बोल नही बोले
अफजल की फाँसी पर जिनके
 दिल खाते है हिचकोले !
गहरे दफनाना होगा अब
ऊग्रवाद के खेमो को
फाँसी के फँदो तक भेजो,
जल्दी अबूसलेमोको !
यदि अफजल को क्षमा
दान का पुरस्कार दिलवाओगे
पृथ्वीराजकी भूले फिर से
दिल्ली में दोहराओगे !
अमर तिरंगे के रंगो को
दुनिया में फहराने दो
भारत माँ का आँचल धरती,
अंबर तक लहराने दो !
आजादी का दीप जलाना
पड़ता अपने प्राणो से
माँ का मस्तक ऊंचा होता
बेटो के बलिदानो से !!

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