मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

भारत में रह रहे पाकिस्तानियों के आंकड़े नहीं



नई दिल्ली। पाकिस्तान से आए और वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रह रहे लोगों के आंकड़े २००९ के बाद सरकार के पास नहीं हैं। जबकि २००९ तक के आंकड़े बताते हैं कि वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में रहने वाले पाकिस्तानियों की संख्या सात हजार ६९१ है। इसी तरह इस अवधि तक ३२ हजार ६४४ बांग्लादेशी वीजा खत्म होने के बाद भी अपने देश नहीं लौटे। यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत दाखिल अर्जी में गृह मंत्रालय द्वारा दी गई है। आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा मांगी गई जानकारी में गृह मंत्रालय ने बताया कि वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रह रहे विदेशियों के पिछले वर्ष और इस वर्ष के आंकड़े तैयार नहीं हो सके हैं। आरटीआइ में कहा गया है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत उन विदेशी नागरिकों की संख्या का सही अनुमान लगा पाना मुमकिन नहीं है, जो देश में गैरकानूनी ढंग से घुस आए या वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी मौजूद हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान से भारत में आकर रह जाने सात हजार ६९१ लोगों में ज्यादातर हिंदू और सिख हैं। आरटीआइ के अनुसार, हिंदू और सिख पाकिस्तान से यहां की नागरिकता पाने की मंशा के साथ आते हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के पास ऐसे लोगों की सही संख्या नहीं है। आरटीआइ में बताया गया है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के अतिरिक्त अन्य देशों के ३३ हजार १०६ नागरिक भी वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद भारत में रह रहे हैं। इनमें अफगानिस्तान (१३ हजार ५६९), श्रीलंका (दो हजार ४९०), अमेरिका (एक हजार ५३५) और नाइजीरिया (एक हजार १२१) से आए लोग शामिल हैं। आरटीआइ में यह भी जानकारी दी गई है कि २००९ में १२ हजार १४७ विदेशी नागरिकों को पकड़ कर जबर्दस्ती उनके देश भेजा गया, इनमें पांच पाकिस्तान से थे और दस हजार ६०२ बांग्लादेश से।

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