रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन
सिंह ने कहा है कि उद्योगों से कहीं ज्यादा रोजगार के अवसर खेती-किसानी और कृषि
आधारित गतिविधियों में हैं। उन्होंने किसानों से खेती में अधिक से अधिक पूँजी निवेश करने का आव्हान करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार
राज्य के किसानों को खेती की बढ़ती लागत के बोझ से राहत दिलाने के लिए कई तरह के
उपाय कर रही है,जिनमें कृषि ऋणों पर तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर की सुविधा, पांच हार्स पावर तक सिंचाई पंपों के लिए सालाना छह हजार यूनिट तक नि:शुल्क बिजली, सिंचाई योजनाओं का निर्माण और विस्तार तथा समर्थन मूल्य पर सहकारी
समितियों में धान खरीदी की सर्वोत्तम व्यवस्था जैसे उपाय भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री शासकीय कृषि महाविद्यालय की
स्वर्ण जयंती और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर की रजत जयंती में आयोजित कार्यक्रम
को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा कृषि अनुसंधान पर आधारित
प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका अवलोकन मुख्यमंत्री ने किया। सकल घरेलू उत्पाद
(जी.एस.डी.पी.) में उत्साहजनक वृध्दि का श्रेय हमारे मेहनतकश किसानों को
विशेष रूप से दिया जाना चाहिए। प्रदेश को
वर्ष २०१०-११ में सर्वाधिक
चावल उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री के हाथों 'कृषि कर्मण' पुरस्कार
प्राप्त हुआ है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इसमें प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय सहित कृषि
महाविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों का भी काफी बड़ा योगदान है, जिनके
अनुसंधानों का लाभ उठा कर हमारे किसान खेती के उन्नत तौर-तरीकों को अपना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कृषि शिक्षा के इन केन्द्रों में हो रहे अनुसंधानों को
प्रयोगशालाओं से और भी अधिक खेतों तक पहुंचाने की
जरूरत पर बल दिया। गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ देश का दूसरा ऐसा राय है जहां कृषि विकास
की दर सबसे ज्यादा हो गई है।
मुख्यमंत्री ने शासकीय
कृषि महाविद्यालय रायपुर की स्थापना के लिए लगभग डेढ़ हजार एकड़ जमीन दान करने
वाले समाजसेवी दानवीर दाऊ कल्याण सिंह को भी विशेष रूप से याद किया। मुंगेली के
दानवीर स्वर्गीय रामलाल साव के ट्रस्ट द्वारा वहां कृषि महाविद्यालय की स्थापना के
लिए तीस एकड़ जमीन दिए जाने का भी उल्लेख किया। राज्य अथवा देश की अर्थव्यवस्था
में खेती का बहुत बड़ा योगदान होता है। इंसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन
से जुड़ी हर चीज यानी रोटी, कपड़ा और मकान तक सभी
जरूरतों की पूर्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खेती के जरिए ही होती है। सरकार ने
विगत आठ वर्ष में छत्तीसगढ़ में कृषि और किसानों की स्थिति सुधारने के कई उपाय किए
हैं। राज्य निर्माण के विगत ग्यारह वर्ष में प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य
पर धान खरीदी का आंकड़ा पांच लाख टन से बढ़कर ५५ से ६० लाख टन तक पहुंच
रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार किसानों को इस वर्ष लगभग छह हजार करोड़ रूपए का
भुगतान कर रही है। मुख्यमंत्री ने किसानों से डेयरी,पोल्ट्री और उद्यानिकी पर भी ध्यान देने का आग्रह किया।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्य बेवरेजेस कार्पोरेशन के अध्यक्ष देवजी भाई पटेल
ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की बेहतरी और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए विगत
आठ वर्षों में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं और अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। मुख्यमंत्री ने अब किसानों के हित में अलग से कृषि
बजट देने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने महाविद्यालय की प्रथम
महिला स्नातक श्रीमती गोपिका बघेल सहित पूर्व छात्रों में
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय पाटिल, कृषि वैज्ञानिक डॉ.संकेत ठाकुर ,संचालक कृषि
पी.आर.कृदत को भी सम्मानित किया गया
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