नई दिल्ली। मालेगाँव बम विस्फोट के
आरोप में भायखला जिला जेल में बंद साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर ने राष्ट्रपति प्रतिभा
देवीसिंह पाटिल और मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति को लिखे
पत्र में साध्वी प्रज्ञा ने कहा - मैं निर्दोष हूँ, मैंने कोई बम विस्फोट नहीं किया। साध्वी ने
महाराष्ट्र एटीएस पर अमानवीय अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की
अविलंब जाँच कराने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की प्रार्थना की है। प्रज्ञा ने अपने पत्र में कहा-
मुझे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फँसाया गया है।
उल्लेखनीय है कि बम विस्फोट के आरोप
में बंद प्रज्ञा का कोई पत्र पहली बार सामने आया है। पत्र में साध्वी ने मालेगाँव
बम धमाके की जाँच कर रही एटीएस की भूमिका का विस्तारपूर्वक खुलासा किया
है।
पत्र में उन्होंने कहा- मुझे अवैध
रूप से बंधक रखे जाने के दौरान बिना मेरी सहमति के जबरन पॉलीग्राफ परीक्षण
करवाया तथा ब्रेन मैपिंग टेस्ट और तीन बार नार्को टेस्ट कराया। परीक्षण परिणामों
में भी मेरी निर्दोषिता उभरकर सामने आई। मुझे इतनी अधिक यातनाएँ
दी गईं कि मुझे समझ में आया कि क्यों लोग आत्महत्या करते हैं। यदि मैं आत्महत्या करती
तो दोषी सिद्ध कर दी जाती, इसलिए मैं ऐसा नहीं कर सकती।
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