शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

धर्म परिवर्तन को लेकर दोहरा मापदंड



                             श्रीनगर। हिन्दू यदि धर्म परिवर्तन का विरोध करते है तब अन्य धर्म के लोग गलत कहते है लेकिन उनके धर्म में यदि ऐसा हो तो विरोध। यह धर्म परिवर्तन का दोहरा मापदंड है। एक ऐसा ही उदाहरण जम्मू कश्मीर में अचानक धर्म परिवर्तन का है। प्रदेश के मुफ्ती आजम मुफ्ती बशीरुद्दीन ने क्रिश्चन प्रीस्ट सी एम खन्ना को तलब किया है। उनसे कहा गया है कि खुद न्यायालय में अपना पक्ष सामने रखें। हालांकि प्रीस्ट खन्ना कहते है उन्हें फंसाने की कोशिश हो रही है।
                          मुफ्ती आजम ने कहा, हमारी शरीअत कोर्ट ने क्रिश्चन प्रीस्ट खन्ना को हाजिर होने को कहा था, वह हाजिर नहीं हुए। अब उन्हें नया समन देकर हाजिर होने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में १९६० की शुरुआत से ही शरीअत कोर्ट है। मुफ्ती बशीरुद्दीन इसके जज हैं और उनके खिलाफ अपील सुनने का अधिकार सिविल कोर्ट को है। मुफ्ती बशीर के मुताबिक चूंकि जम्मू कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य है इसलिए यहां कोर्ट को राज्य सरकार की मान्यता प्राप्त है। मुफ्ती बशीर कहते हैं,‘मुझे शिकायतें मिली हैं कि प्रीस्ट खन्ना मुस्लिम युवक-युवतियों को ईसाई धर्म में दीक्षित कराने की मुहिम में शामिल हैं। इस्लामिक कानून के मुताबिक यह गलत है। दूसरी ओर प्रीस्ट खन्ना ने फोन पर बताया ये आरोप गलत हैं। उनके मुताबिक मुफ्ती बशीरुद्दीन ने करीब 15 दिन पहले उनसे कुछ लड़कों का एक क्रिश्चन स्कूल में एडमिशन कराने में मदद करने को कहा था। मगर, मैंने मुफ्ती बशीर से कहा कि स्कूल मेरे नियंत्रण में नहीं है और अगर वह किसी का ऐडमिशन कराना चाहते हैं तो उन्हें वहां के प्रिंसिपल से बात करनी चाहिए। बकौल प्रीस्ट खन्ना, इसी बात पर मुफ्ती आजम उखड़ गए और उनके खिलाफ धर्मांधरण का मामला बनाते हुए उन्हें समन भेज दिया। 

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