रविवार, 23 अक्तूबर 2011

पेट की तकलीफ के लिए जिमीकंद

अगर दीपावली के त्यौहार पर जिमीकंद (सूरन) को अनिवार्यत: खाने की परम्परा न होती तो अनेको लोग इसकी तरफ देखते भी नहीं. उन अनेकों में आप मुझे भी गिन सकते हैं। क्योंकि जिमीकंद (सूरन) खाने से गले के अन्दर खुजली होने लगती है, जिसे गर काटनाभी कहते हैं। इसी खुजली से बचने के लिए लोग जिमीकंद खाते ही नहीं। लेकिन ये कई बीमारियों में बहुत काम आता है और ये ऐसे समय पैदा होता है जब कीट-पतंगों की बहुतायत हो जाती है। ये कीड़े रात में बल्ब, मोमबत्ती, दीपक को इस तरह घेर लेते हैं कि खाना बनाना-खाना मुश्किल, लिखना-पढऩा मुश्किल, छोटे बच्चों की स्किन तो इतनी नाजुक होती है कि एक कीड़ा भी अगर शरीर के संपर्क में आये तो फफोले पड़ जाते हैं। फिर कितनी जलन सी होती है, ये बस बच्चा ही बताएगा रो-रोकर. ऐसे समय यह जिमीकंद बहुत काम आता है।
विटामिन से भरपूर :- जिमीकंद में विटामिन-ए, विटामिन-बी, आयरन, फास्पोरस, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाईड्रेट, क्षार, कैल्शियम आक्ज्लेट आदि तत्व पाए जाते हैं।
इसे देश के अधिकाशत: राज्यों में सूरन, ओल, जिमीकंद के नाम से ही जानते हैं। मराठी में गोडासूरण, खाजेरासूरण कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम है -  ्रद्वशह्म्श्चद्धशश्चद्धड्डद्यद्यह्वह्य ष्शद्वश्चड्डठ्ठह्वद्यड्डह्लह्वह्य और अंग्रेजी में ङ्खद्बद्यस्र ष्शह्म्द्व कहते हैं। पेट में किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो तो आप इसकी सब्जी बनाकर खाएं, इसके खुजली वाले गुण से डरें नहीं। न ही इसके कसैलेपन की परवाह करें। ये पेट की सभी बीमारियों में दवा का काम करता है, इसका खुजली वाला अवगुण दूर करने के लिए जरा ज्यादा तेल -घी-चि·नाई का प्रयोग इसकी सब्जी, चोखा या अचार में कीजिए.प्त जिमीकंद  को  छाये  में  सुखा·  उसका चूर्ण  बनाकर रख लीजिये।
बवासीर ·ी दवा :-  बवासीर हो तो रोज सुबह खाली पेट ५-६ ग्राम चूर्ण पानी से निगल लीजिये, कम से कम एक महीना तो खा ही लीजिये। यही चूर्ण यकृत क्रिया को भी ठीक करता है और अगर प्लीहा बढ़ गया है तो जिमीकंद का चूर्ण बहुत तेज काम करता है।
खूनी आंव में लाभदाय· :- जब किसी को आंव या खूनी आंव हो जाए तो जिमीकंद के चूर्ण को जरा से घी में भूनिए और जितना चूर्ण उतनी ही चीनी मिलाकर खा लीजिये।
आंखों का ईलाज :- कम से कम ११ दिन और दिन में सिर्फ एक बार आँख में कोई परेशानी हो तो जिमीकंद की जड़ को जरा सा पानी में घिस कर बंद आँखों के ऊपर लेप कर लीजिये और सो जाएँ। जागने पर सादे पानी से धो लीजिये।
गठिया में आराम :- अगर गठिया हो गया हो तो सूरन का गूदा और सूरन के बीज पीस कर लेप कर लीजिये। रोज रात में लेप कीजिए २१ दिनों तक कोई जहरीला कीड़ा काट ले तो जिमीकंद की चटनी पीस कर उस स्थान पर लेप कीजिए। यह चटनी सारा जहर सोख लेगी।

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